राजस्थान दिवस
राजस्थान दिवस ( Rajasthan Day) स्थापना दिवस भी कहा जाता है। हर वर्ष के तीसरे महिने (मार्च) में 30 तारीख को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था।
इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा बलिदान को नमन किया जाता है। यहां की लोक कलाएं, समृद्ध संस्कृति, महल, व्यंजन आदि एक विशिष्ट पहचान रखते हैं। इस दिन कई उत्सव और आयोजन होते हैं जिनमें राजस्थान की अनूठी संस्कृति का दर्शन होता है।
इसे पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था तथा कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्य बना तथा इसका नाम “राजस्थान” किया गया जिसका शाब्दिक अर्थ है “राजाओं का स्थान” क्योंकि स्वतंत्रता से पूर्व यहां कई राजा-महाराजाओं ने राज किया। राजस्थान का एकीकरण ७ चरणों में हुआ। इसकी शुरुआत १८ अप्रैल १९४८ को 4 रियासतों के विलय से हुई। विभिन्न चरणों में रियासतें जुड़ती गईं तथा अंत में ३० मार्च १९४९ को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों के विलय से “वृहत्तर राजस्थान संघ” बना और इसे ही राजस्थान स्थापना दिवस कहा जाता है।
30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था. इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान को नमन किया जाता है. हर वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है
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