PM AASHA YOJANA
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान 2021 [पीएम आशा]
(Pradhan Mantri Annadata Aay Sanrakshan Yojana [PM AASHA]
केंद्र सरकार के कैबिनेट कमेटी ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण(PM AASHA) अभियान की घोषणा की हैं।
PM AASHA स्कीम में कुछ अन्य स्कीम जैसे प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस), प्राइस पेमेंट स्कीम (पीडीपीएस) और पाईलट ऑफ़ प्राइवेट प्रोक्रुमेंट एंड स्टॉकलिस्ट स्कीम (पीपीएसएस) को भी शामिल किया गया हैं।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही काम किया जा रहा हैं
केंद्र सरकार किसानों के वार्षिक आय को बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं जिससे 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने का सपना पूरा किया जा सके।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण (PM AASHA) अभियान
👉योजना का नाम (Scheme name) = प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM AASHA)
👉घोषणा स्थल (Announcement place) = यूनियन बजट 2018-19
👉घोषणा की गयी (Announced by) = केबिनेट कमिटी ने
👉घोषणा की दिनांक (Announcement date = 12 सितम्बर 2018
👉घोषणा से लाभान्वित वर्ग (Beneficiaries of the scheme) = कृषक
योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 2018 के लिए केंद्रीय बजट में किसानों को उनके उत्पादन के लिए उचित और लाभ देने वाला मूल्य मिल सके।
इस तरह किसानों के हितों की परवाह करने जैसी योजनाओं से सरकार को इस वर्ग से काफी फायदा भी मिलेगा।
इससे पहले सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी को उत्पादन की लागत से 1.5 गुना बढ़ा दिया था।
और अब राज्य सरकारों के सहयोग से इस तरह खरीद/क्रय तंत्र द्वारा किसानों की आय में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
पीएम आशा-प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मुख्य विशेषताएं
पीएम आशा अम्ब्रेला योजना किसानों की आय और बचत को बढाने के लिए लांच की गयी हैं।
इस योजना के अंतर्गत किसान तीन तरीको से अपनी आय बढा सकते हैं,मतलब इस योजना के अंतर्गत निम्न 3 योजनाए भी शामिल हैं-
1.प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) (Price Support Scheme (PSS) )
राज्य सरकार के साथ ही सेंट्रल नोडल एजेंसी दालों,ओइलसीड (तिलहनों) और कोपरा पर खरीद मूल्य निर्धारित करेगी।
सरकार कुल खरीद के 25 प्रतिशत तक हिस्से पर होने वाले घाटे को वहन करेगी।
एनएएफइडी के साथ ही फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया(एफडीआई) भी राज्यों और जिलों में पीएसएस ऑपरेशन का काम संभालेगी।
2.प्राइस डिफिसियेंसी पेमेंट स्कीम (पीडीपीएस) (Price Deficiency Payment Scheme (PDPS)
सभी ओइलसीड जिनकी न्यूनतम न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित हो चुका हैं,उसे पीडीपीएस के अंतर्गत कवर किया जाएगा।
पहले से रजिस्टर्ड किसान एमएसपी और सेलिंग प्राइस के बीच के अंतर की राशि बिना किसी हस्तक्षेप के सीधे प्राप्त कर सकेंगे।
इसके लिए नोटिफाइड मार्केट में पारदर्शी ऑक्शन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी और सभी पेमेंट किसान के रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किये जायेंगे।
इस योजना में फसलों को क्रय करना शामिल नहीं हैं,क्योंकि किसानों को एमएसपी मूल्य और नोटिफाइड मार्केट में बिक्री के मध्य के अंतर का भुगतान किया जाएगा।
इस पीडीपीएस के लिए केंद्र सरकार का सपोर्ट निर्धारित मानदंडों के अनुसार ही होगा।
3.पायलट ऑफ़ प्राइवेट प्रोक्योरमेंट एंड स्टॉकलिस्ट स्कीम(पीपीएसएस) (Pilot of Private Procurement and Stocklist Scheme (PPSS))
इस योजना के अंतर्गत खरीदी/क्रय में निजी क्षेत्रों की भागीदारी शामिल होगी,ओइलसीड (तिलहनों) के मामले में, राज्यों के पास कुछ चयनित जिलों में पायलट आधार पर पीएम-आशा योजना शुरू करने का विकल्प होगा।
कैबिनेट ने ये भी निर्णय किया हैं कि क्रय के लिए तय किये गएकार्यक्रम में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की जरूरत हैं ताकि प्रशिक्षण के आधार पर खरीद को बढ़ाया जा सके. इसलिए ये तय किया गया हैं।
राज्य के चयनित जिलों और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (एपीएमसी) में तिलहन के प्राइवेट प्रोकुर्मेंट (procurement) स्टॉकिस्ट स्कीम [पीपीएसएस,PPSS] में निजी स्टॉकिस्ट को शामिल किया जाएगा।
पायलट जिले और चुने हुए एपीएमसी(APMC) एक या एक से अधिक तिलहन पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे,जो कि एमएसपी द्वारा नोटिफाइड होगी.
ये स्कीम पीएसएस स्कीम के जैसी ही स्कीम हैं इसलिए इसमें नोटिफाइड वस्तुओं की भौतिक क्रय शामिल हैं।
यह योजना पायलट जिलों में पीएसएस या पीडीपीएस को प्रतिस्थापित करेगी।
PM AASHA योजना सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
1.डिपार्टमेंट ऑफ़ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन (DFPD) की धान,गेहूं और पोषक युक्त अनाज और मोटे अनाज के लिए पहले से बनी हुयी योजनाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही चलती रहेंगी।
विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जाने वाली फसल खरीद योजनाएं किसानों को उनकी फसलों के लिए एमएसपी देना ज़ारी रखेंगी।
केंद्र और राज्य सरकार प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के अंतर्गत भौतिक फसलों की खरीद भी ज़ारी रहेगी.
2. विभिन्न विभागों की ये फसल खरीद योजनाएं इन फसलों के लिए किसानों को एमएसपी प्रदान करना जारी रखेगी।
केंद्रीय और राज्य सरकार प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के तहत भौतिक रूप से फसलों की खरीद भी जारी रखेगी.
3.पायलट फेज में खरीद के क्षेत्र में निजी सेक्टर की भागीदारी भी शुरू होगी. ये पाइलेट लांच फसल खरीद के निजी सेक्टर को समझने में मदद करेगी।
इसलिए सरकार ने पाइलट बेसिस पर चुने हुए जिलों/एपीएमसी के जिलों में प्राइवेट प्रोक्योरमेंट स्टॉकिस्ट स्कीम (पीपीएसएस) लांच की हैं।
ये पीएसएस के जैसी ही हैं लेकिन इसमें वस्तुओं को पब्लिक सेक्टर की जगह निजी कम्पनियों ध्वा खरीदा जाएगा।
4=पाइलट जिलों में पीएसएस को पीपीएसएस द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाएगा।
पीपीएसएस गाइडलाइन के अनुसार चुनी हुयी प्राइवेट एजेंसियां वस्तुओं की खरीद एमएसपी पर कर सकेगी,और यह खरीद केवल नोटिफाईड मार्केट में ही होगी।
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