पैतृत्व अवकाश
दिनांक ०६-१२-२००४ के बाद से किसी पुरुष के दो संतानों पर उसे बच्चे के जन्म का 15 दिन पूर्व से जन्म के 3 माह के भीतर 15 दिन के पैतृत्व अवकाश मिलता है। नियम 103 (अ )
RSR 1951 के नियम 103A के अनुसार प्रत्येक पुरुष कार्मिक को जिसके 2 से कम संतान है, उसे अपने सम्पूर्ण सेवाकाल मे 2 बार 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलता है। यह अवकाश प्रोबेशनर कार्मिक को भी देय है।
उक्त अवकाश को बच्चे के जन्म (प्रसूति) से 15 दिन पूर्व और जन्म की तिथि से 3 माह की अवधि में ले सकते है। इसका निर्धारित तिथि में उपयोग नही करने से यह अवकाश लेप्स हो जाता है।
गर्भपात/गर्भस्राव होने पर पितृत्व अवकाश देय नही होता है। इस अवकाश के साथ (C L के अलावा )अन्य कोई भी अवकाश ले सकते है।
बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के साथ अवकाश का आवेदन प्रस्तुत करने पर अवकाश सेक्शन हो जायेगा इसकी सेवा पुस्तिका में अलग से एंट्री होती है परन्तु अवकाश लेखा में इंद्राज नही होता है।
प्रसूति अवकाश
महिला कर्मचारियों को सम्पूर्ण सेवा काल में अधिकतम २ बार 180 दिन का प्रसूति अवकाश मिलता है। २ बार के बाद कोई भी संतान जीवित न होतो एक बार और मिल सकता है।दिनांक ११-१०-२००8 के बाद प्रसूति अवकाश की संख्या 135 से बढ़ा कर 180 की गयी है
अस्थाई महिला कर्मचारी को भी यह अवकाश देय है। किसी भी कर्मचारी को वेतन एवं भत्ते देय है।सामान्य तौर पर गर्भपात पर यहाँ अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाता है चिकित्सा रिपोर्ट का आधार पर विपरीत पर परिस्थिति में ६ सप्ताह का अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।