Medical Leave to Rajasthan government employees

Medical Leave to Rajasthan government employees

 
सक्षम अधिकारी द्वारा प्राधिकृत चिकित्सक के प्रमाण पत्र  के आधार पर कर्मचारी को चिकित्सा अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। प्राधिकृत चिकित्सक शब्द में राजकीय चिकित्सालय में नियुक्त चिकित्सक, औषधालय में नियुक्त वैद्य आदि सामिल है।
यदि कर्मचारी जहाँ बीमार पड़ा है, वहाँ कोई प्राधिकृत चिकित्सक अथवा वैद्य नहीं हो अर्थात् कोई राजकीय चिकित्सालय अथवा औषधालय नहीं है अथवा उसमे चिकित्सक नहीं है तो उस स्थान पर स्थित पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी के प्रमाण पत्र के आधार पर चिकित्सा अवकाश अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है, किन्तु ऐसे प्रमाण पत्र में चिकित्सा व्यवसायी का पंजीयन क्रमांक अवश्य अंकित होना चाहिये। (नियम 76)
एक राज्य कर्मचारी जिसने चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत कराया है, अपने कर्तव्य पर तब तक उपस्थित नहीं हो सकता है, जब तक वह स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र (आरोग्य प्रमाण पत्र)  निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत नहीं कर देता है। ( नियम 83)
चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी हेतु सक्षम अधिकारी

चिकित्सा विभाग के आदेश क्रमांक-.प.1625/एम ग्रुप 1/94, दिनांक-08.01.98 द्वारा विभिन्न अवधि के लिये चिकित्सा अवकाश हेतु चिकित्सा अधिकारी निम्न प्रकार प्राधिकृत किये गये हैं-

– किसी बहिरंग रोगी (आउट डोर पेशेंट) को अधिकतम 15 दिन की अवधि हेतु चिकित्सा प्रमाण पत्र किसी भी चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किया जा सकेगा।
– 30 दिवस तक का चिकित्सा प्रमाण-पत्र वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी/कनिष्ठ विशेषज्ञ/सहायक आचार्य अथवा इसके ऊपर के अधिकारी देने के लिये सक्षम होंगे।
– 45 दिवस तक वरिष्ठ विशेषज्ञ पी.एम.ओ./एसोसिएट प्रोफेसर/प्रोफेसर एवं क्रम सं. 2 में वर्णित अधिकारी यदि प्रमाण पत्र सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं अधीक्षक द्वारा प्रमाणित किया हुआ हो।
– 45 दिवस से अधिक अवधि हेतु चिकित्सा प्रमाण-पत्र केवल मेडिकल बोर्ड देगा।
 

अनुमोदित निजी चिकित्सालय के चिकित्सक चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने हेतु निम्नानुसार अधिकृत है

(आदेश क्रमांक प 16(25) एम ई/1-1/1994 दिनांक 18.5.2012)-

-15 दिवस के लिये – चिकित्सा परामर्शदाता।
-30 दिवस तक – वरिष्ठ चिकित्सा परामर्शदाता।
-45 दिवस तक – वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ।
-45 दिवस से अधिक- मेडिकल बोर्ड।
– होम्योपैथिक चिकित्सक 15 दिवस के लिए चिकित्सा प्रमाण-पत्र दे सकते हैं।
चिकित्सा प्रमाण हेतु सक्षम आयुर्वेद अधिकारी
– किसी बहिरंग रोगी को चिकित्सक 15 दिन की अवधि के लिए
– 15 दिवस के पश्चात् पुनः 7-दिन की अवधि के लिये विभागीय चिकित्सक सक्षम होगा।
– 29 दिवस से 45 दिन की अवधि के लिए रोग प्रमाण-पत्र “अ” श्रेणी चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक/जिला आयुर्वेद अधिकारी/सहायक निदेशक/समकक्ष अधिकारी अथवा अन्य उच्च अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा, जिसमें मूल अवधि भी सामिल होगी।
–45 दिवस से अधिक अवधि के लिये चिकित्सा प्रमाण-पत्र स्वास्थ्य परीक्षण समिति (मेडिकल बोर्ड आयुर्वेद) द्वारा दिया जा सकेगा।
 

स्वास्थ्य परीक्षण समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे-

(1) जिला आयुर्वेद अधिकारी/सहायक निदेशक/प्रभारी रसायन शालाएँ अथवा समकक्ष अधिकारी एवं अन्य उच्च अधिकारी (आयुर्वेद)
(2) संबंधित जिले स्थित “अ” श्रेणी चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक संयोजक
(3) दो चिकित्सक (अध्यक्ष की सहमति से) आवश्यकता होने पर महिला चिकित्सक सदस्य
– अन्तरंग रोगी के सम्बन्ध में 30 दिन से अधिक के चिकित्सा प्रमाण पत्र हेतु आयुर्वेद ‘अ’ श्रेणी चिकित्सालय के प्रभारी के प्रति हस्ताक्षर आवश्यक होंगे ।
 
 

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