Fasal Bima Yojana अगर आप भी खेती-बाड़ी से जुड़े हुए हैं तो आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि अगर मौसम की मार से फसल खराब हो जाती है तो आपके नुकसान की पूरी भरपाई हो जाएगी। इसके लिए फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई है।
PM Fasal Bima Yojana: भारत के ज्यादातर लोगों का व्यवसाय अब भी खेती है। तकनीक के इतने विकास के बाद भी ज्यादातर किसान बारिश पर ही निर्भर करते हैं। ऐसे में कई बार अचानक होने वाली भारी बारिश, सूखा, तूफान या किसी अन्य तरह की प्राकृतिक आपदा से फसलों के खराब होने का खतरा बना रहता है। इसका पूरा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है। इन्हीं अनिश्चितताओं के कारण होने वाले वित्तीय नुकसानों से किसानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) की शुरुआत की गई है, जो इस स्थिति में उनको वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
Fasal Bima Yojana क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
बारिश, तापमान, पाला, नमी आदि जैसी स्थिति में किसानों को बहुत नुकसान होता है। इससे बचने के लिए किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवाने की सुविधा मिलती है। बीमा कवरेज के तहत अगर बीमित फसल नष्ट हो जाती है तो इसकी पूरी भरपाई जा जिम्मा बीमा कंपनी का होता है। इस बीमा के तहत खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा और दालें), तिलहन और वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें को कवर किया जाता है।
Fasal Bima Yojanaकैसे कर सकते हैं आवेदन?
दूसरी तरफ, अगर किसानों के पास पहले से किसी तरह का लोन या क्रेडिट कार्ड बनवा है तो वे उस बैंक से ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवा सकते हैं।
Fasal Bima Yojana कैसे मिलेगा बीमा का क्लेम?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम लेने के लिए किसानों को सबसे पहले 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग को फसल खराब होने की जानकारी देनी होती है। इसके बाद आवेदन करना होता है। फॉर्म में फसल खराब होने का कारण, कौन-सी फसल बोई गई थी, कितने क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई हैं, इन सब बातों का ब्यौरा देना होता है। उन्हें जमीन से संबंधित जानकारी भी देनी होती है। इसके आलवा, बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी की जरूरत होती है।
आवेदन करने के कुछ दिनों के बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी खेत का निरीक्षण कर नुकसान का आकलन करते हैं और सब कुछ सही पाए जाने पर किसान के बैंक अकाउंट में बीमा का पूरा क्लेम डाल दिया जाता है।
इन बातों को न करें नजरअंदाज
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शुरुआती दिनों में इसे सभी किसानों के लिए अनिवार्य बनाया गया था, लेकिन बाद में इस नियम को हटा दिया गया। अब किसान अपनी मर्जी से इस योजना के तहत बीमा करवा सकते हैं। हालांकि, जोखिम के स्तर को कम करने के बावजूद यह योजना किसानों में उतनी लोकप्रिय नहीं हो रही है।
इसके पीछे का कारण है जोखिम उठाने वाले किसान और जोखिम न उठाने वाले किसानों के लिए अलग-अलग पॉलिसी नहीं है। साथ ही, बीमा प्रीमियम का निर्धारण भी सही से नहीं किया गया है, जिससे अलग-अलग बैंकों में यह दरें भिन्न हो सकती हैं। इन वजहों से फसल बीमा योजना भारतीय किसानों का विश्वास नहीं जीत पा रही है।
Fasal Bima Yojana प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ (पीएमएफबीवाय)
- प्रीमियम में किसानों का योगदान काफी कम हुआ है, अर्थात खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी फसलों के लिए 1.5% और वार्षिक व कमर्शियल फसलों के लिए 5%.
- ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव, आकाशीय बिजली, और बादल फटने जैसे स्थानीय जोखिम के कारण व्यक्तिगत रूप से हुए नुकसान का आकलन करने का प्रावधान.
- पूरे देश में चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश होने की स्थिति में, जिसमें दो सप्ताह (14 दिन) की अधिकतम अवधि तक खेत में ‘काटा और फैला दिया’ की स्थिति में केवल सूखने के उद्देश्य से रखी फसल को हुए नुकसान का व्यक्तिगत भूखंड के आधार पर आकलन करना.
- फसल नहीं रोप सकने और स्थानीय नुकसान के मामले में किसानों को क्लेम का भुगतान अकाउंट में किया जाता है.
- इस योजना के तहत तकनीक के उपयोग को भी काफी हद तक प्रोत्साहित किया जाएगा. किसानों को क्लेम के भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल की कटाई संबंधी डेटा को एकत्र करने और अपलोड करने के लिए स्मार्ट फोन का उपयोग किया जाएगा. इस स्कीम के तहत फसल कटाई संबंधी प्रयोगों की संख्या को कम करने के लिए रिमोट सेंसिंग का भी उपयोग किया जाएगा.
इन कागजात की होगी जरूरत इसके लिए किसानों को जरूरी कागजात की जरूरत होती है। आधार कार्ड, जमीन के कागजात, बोई गई फसलों की डिटेल्स और वोटर कार्ड की जरूरत होती है। इस कागजात की मदद से फसल बीमा करा सकते हैं। इसके बाद फसलों का नुकसान होने से मुआवजा के लिए क्लेम कर सकते हैं।
कितना मिलता है क्लेम?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अलग-अलग फसलों के लिए बीमा राशि अलग-अलग है. कपास की फसल के लिए अधिकतम 36,282 रुपये, धान के लिए फसल के लिए 37,484 रुपये, बाजरा की फसल के लिए 17,639 रुपये, मक्का की फसल के लिए 18,742 रुपये और मूंग की फसल के लिए 16,497 रुपये प्रति एकड़ राशि मिल सकती है.
टोल फ्री नंबर से ले सकते हैं जानकारी
फसल बीमा के क्लेम संबंधी जानकारी के लिए किसान एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नंबर 1800116515 पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं। इसके लिए किसान को कृषक बीमा पॉलिसी नंबर व अन्य जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही विभाग की ro.jaipur@aicofindia.com साइट पर जाकर भी किसान अपने क्लेम के बारे में जानकारी ले सकता है।
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