7th Pay Commission :- इस नियम के मुताबिक, अगर सरकारी नॉकरी में रिटायरमेंट के बाद किसी एक सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो फैमिली पेंशन इनमें से दूसरे सदस्य को मिलेगी, अगर दोनों को मृत्यु हो जाती है तो पेंशन की सुविधा सन्तान को मिलेगीं।
CSC रूल्स 1972 के तहत यह पेंशन अधिकतम 1.25 लाख रुपये तक होगी।
हालांकि इनके नीति नियम कुछ अलग तरह से है जिनका विवरण इस प्रकार है :-
- CSC रूल्स 1972 के रूल 54 के सब रूल 11 के मुताबिक अगर सरकारी कर्मचारी पति या पत्नी में से किसी एक कि मृत्यु हो जाती है तो उनकी पेंशन जीवित पति या पत्नी को मिलेगी।
- यदि पति पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाती है तो पेशन बच्चों को मिलेगी जो अधिकतम सवा लाख रुपये तक होगी।
पहले क्या था नियम
पहले नियम के मुताबिक अगर सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती थी तो जीवित बच्चों को फैमिली पेंशन के रूप में 45 हजार रुपये मिलते थे. पेंशन रूल 54 के सब रूल (3) में यह नियम था. अगर बच्चों को दोनों फैमिली पेंशन दी जाती थी तो सब रूल (2) के मुताबिक यह राशि 27 हजार रुपये होती थी. छठे वेतन आयोग के नियम देखें तो सीसीए रूल्स के मुताबिक अधिकतम पेंशन की राशि 90 हजार रुपये के 50 परसेंट और 30 परसेंट के हिसाब से दो फैमिली पेंशन मिलती थी. 90 हजार के हिसाब से यह राशि 45 हजार और 27 हजार रुपये होती थी.
क्या है नया नियम
7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के मुताबिक अधिकतम पेंशन की राशि 2,50,000 रुपये निर्धारित है. इसी आधार पर फैमिली पेंशन के नियम में बदलाव किया गया है. पति-पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हैं और रिटायरमेंट के बाद दोनों की मृत्यु हो जाती है तो 1.25 लाख की एक पेंशन और दूसरी फैमिली पेंशन 75 हजार रुपये की नॉमिनी बच्चों को मिलेगी.
7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के बदले नियम में सरकार ने 2.5 लाख रुपये प्रति महीने के हिसाब से फैमिली पेंशन तय की है. अधिसूचना में कहा गया है कि 1.1.2016 से 45 हजार रुपये प्रति माह की जगह पर कुल 2.5 लाख का 50 प्रतिशत यानी कि 1.25 लाख रुपये नॉमिनी को फैमिली पेंशन के रूप में मिलेंगे. पहले 27 हजार रुपये की पेंशन को अब 2.5 लाख का 30 परसेंट यानी कि 75 हजार रुपये कर दिया गया है.